हे भगवान इस दुनिया में ये इन्सान क्यों बना डाला,

इन्सानों तक तो ठीक था पर ये हैवान क्यों बना डाला

इन्सानों ने इन्सानों मे ये कैसा भेद बना डाला,

किसी को हिंदू तो किसी को मुस्लिम,

किसी को सिख्य तो किसी को ईसाई बना डाला,

आपस मे ही लड़ने का ये क्या तरकीब बना डाला,

इन्सानों ने इन्सानों मे ये कैसा भेद बना डाला,

कोई धर्म के लिए लड़ता है,

कोई बस्ती के लिए लड़ता है,

कोई धन के लिए लड़ता है,

तो कोई झूठी शान के लिए लड़ता है,

शान और मान से ये कैसा वेष बना डाला,

इन्सानों ने इन्सानों मे ये कैसा भेद बना डाला।

                               ~ ANKIT VERMA