ए जिन्दगी तू भी भूल जा,
सब भूल गए अब उस पल को,
वो पल जो हम साथ बिताए थे,
जिस पल में हसें और गाए थे,
जिस पल में होती थी ठिठोलियाँ,
कहीं चुगलियां तो कहीं उगलियाँ,
कहीं खाती पीती मस्ती थी,
उसमे भी इक कस्ती थी,
हम कालेज में जब जाते थे,
वो दिन जो साथ बिताते थे,
कभी पढ़ते थे कभी लड़ते थे,
कभी यूं ही बातों-बातों में,
हम कुछ बड़ी कल्पना करते थे,
कुछ खट्टे मीठे प्रश्नों को हम,
सर से पूछा करते थे,
तब कभी नहीं हम सोचे थे,
इक दिन ऐसा भी आएगा,
जब छूट सब कुछ जाएगा,
हम दूर कहीं खो सा जाएंगे,
शायद फिर मिल भी न पाएंगे,
खुद को यही दिलासा दिलायेंगे,
ए जिन्दगी तू भी भूल जा,
सब भूल गए शायद उस पल को।
बचपन और स्कूल की मस्ती और दोस्ती को जीवनपर्यन्त कभी भुलाया नहीं जा सकता है, ये वो अनमोल समय या ईश्वर द्वारा दिया गया उपहार है जिसकी यादें हमेशा हमारे अंदर इक अजीब सी खुशी उत्पन्न करती हैं जिसका वर्णन हम शब्दों में नहीं कर सकते।
Love you all of you my friends who gave me the happiest childhood and college times. Miss you yr……
~ ANKIT VERMA
BILKUL BACHPAN HI THA JAHAN KOYEE CHINTA NAA THI AGAR THI CHINTA TO SIRF KHILAUNO KI……..BAHUT KHUB.
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DHANYAWAD BHAI
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Loved your’s post…sachii college ke days yad aa gye
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आपके शब्दों का शुक्रगुजार करता हूँ
तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ ।।
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स्वागत है आपका
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We love you too
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Thank you very much for your love
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Welcome dear
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,bhai bachpan yaad dila dio
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👍👍👍
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Bahut khub…
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Thank you Vishal
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