मोहब्बत की बरसातों में,
बस इक तुम ही याद आती हो,
इन सिमटती बाहों को,
इन तरसती निगाहों को,
बस तुम्हारी ही जरूरत है,
.कहाँ हो तुम मुझे नहीं पता,
क्या कर रही हो तुम मुझे नहीं पता,
क्यों पास आकर भी तुम दूर हो गई नहीं पता,
क्यों रूठ गई ये भी नहीं पता,
बस पता मुझे इतना है ,
मेरी साँसें हो तुम, मेरी जान भी तुम,
तुम से ही मैं हूँ, तेरे बिन.मै कुछ भी नहीं,
तू लौट आ अब साँसें भी साथ छोड़ने को कहती हैं,
तू लौट आ अब धड़कने भी बंद होने को कहती हैं,
तू लौट आ अब ये आँखें भी बंद होने को कहती हैं,
इक दफा ही सही तुझे देखने को जी चाहता है,
तेरी धड़कनों को महसूस करने को जी चाहता है,
तुझे बाहों में भरकर चूमने को जी करता है,
फिर चाहे ये साँसें रुक जाए,
फिर चाहे ये धड़कन बंद हो जाए,
फिर चाहे ये आँखें बंद हो जाए,
बस लौट आ तू इक दफा….
~ ANKIT VERMA
Season’s Greetings!
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Aisa hi hota he janaab!!har muhobbat milke phir ashqon ka samander ban jaati he.ummid banaaye rakho duniya gol he,kahi aur kabhi milna ho hi jaayega.haan,kya aap bataa sakte hein ki mene portrait kiski banaayi he?plz reply soon.
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I think Indira Gandhi
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Vaah.i feel myself proud on me because dt portrait is made by me.thanks dear!!
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Welcome dear!!
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Am I right????
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Indeed.
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बहुत खूब।
इक दफा प्यार में विछड़ कर खुशी से जीना भी प्यार भरी जिंदगी है।
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सच्चे प्यार के बिछडऩे के बाद अगर कोई इक बार खुशी से जीना सीख लिया तो शायद ही वह अपने जीवन में किसी से फिर प्यार करे
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सही कहा आपने। पर बिछड़ कर भी एक-दूसरे को खुश रखने के लिए खुशी से जीना पड़ता है यही सच्चा प्यार है। प्यार त्याग और समर्पण मांगता है मेरे हिसाब से। और जब सच्चे प्यार के खुशी के लिए दूसरे को अपनाते हैं तब सच्चे प्यार के खुशी के लिए दूसरे को अपनाते अपनाते कब उससे यानी कब दूसरे से सच्चा प्यार करबैठता है पता ही नहीं चलता है। ये मेरा अनुभव है हो सकता है गलत भी हो।
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हाँ सही कहा आपने दूसरे को अपनाए तो शायद बाद.उसी से सच्चा प्यार हो जाए पर दूसरे के लिए खुद को तैयार कर पाना मुश्किल हो जाता है और बात फिर किसी के पास जाने से रोका करती है
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जो भी हो मेरे समझ में जो आया कह दिया है। यदि सच्चा प्यार दोनों ने एक समान किया है तो बिछड़ कर भी एक-दूसरे को खुश देखना चाहता है इसलिए एक-दूसरे के खुशी के लिए खुशी से जिंदगी जीना ही पड़ता है। वैसे माफ कीजिएगा हर इंसान का एहसास अलग अलग होता है पर मैं हर हाल में खुशी से जिंदगी जीना सीखाती हूँ सो कह दिया। गल्त कहा हो तो माफ करना। एक बार मेरी रचना सेभ लभ पढिएगा तब पता चलेगा मैं क्या कहना चाहती हूं। मैं दोबारा पब्लिश कर देती हूँ।
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हा जरूर पढूंगा
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वैसे मैं आपसे सहमत हूँ हर प्यार करनेवाला अपने प्यार की खुशी चाहता है और वो उसके लिए कुछ भी करता है चाहे उससे दूर होना ही क्यों न हो
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धन्यवाद जो आपने मेरे विचारों को समझा। मैंने लेखनी समाज को जिंदगी हर हाल में खुश रखने के लिए उठाया है और मैं जानती हूँ शब्द तब निकते हैं जब इंसान किसी चीज में डूब जाता है इसलिए मैं जहाँ भी दर्द भरे शब्द पढती हूँ तो अपने एहसास और तजुर्बा के अधार पर समझाना चाहती हूं। मुझे नहीं पता मेरे कौन से शब्द आपको कमेंट करने के लिए प्रेरित किया। नहीं तो आप मेरी रचना पढते और लाइक करते ही बस देखा था।
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Waah …lajwaab hai…bahut khub👌👌
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Dhanyawad apki prashansha ke liye
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Waah bhai
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👍👍👍😘😘
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