जिन्दगी की हर दर्द की दवा है तू
ऐ वो लम्हे तू हमसफर हमनवां है मेरी
लम्हें वो जिसमें वो हों
लम्हें वो जिसमें उनका एहसास हो
लम्हें वो जिसमें उनका साथ हो
लम्हें वो जिसमें उनसे मीठी बात हो
लम्हें वो जिसमें उनसे मुलाकात हो
लम्हें वो जिसमें उनसे इजहार हो
लम्हें वो जो हमने साथ गुजारी
लम्हें जिसमें इन सभी लम्हों को याद किया
मेरी हर सांस की महक है तू
मेरी हर धड़कन की धड़क है तू
ऐ सनम तेरी कसम , जीने की बस इक वजह है तू।।
~ ANKIT VERMA
Prem bhari behtarin rachna.
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Thank you Sir
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Nice poem.
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Thank you Ray ji
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Nice👌💞
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