तेरी यादों में आज भी उतना ही नशा है
फर्क सिर्फ इतना है कि अब तू सामने नहीं है
तुझसे मिलने का मजा तो आज भी है
फर्क सिर्फ इतना है कि,
मुलाकात अब बस ख्वाबों में होती है
वो प्यारी फूलों की बगिया,
आज भी बहुत खूबसूरत है,
बस फर्क सिर्फ इतना है कि,
उसमें अब वो तेरी वाली खुसबू नहीं
वो कुल्हड़ की चाय जो हम अक्सर पिया करते थे
फर्क सिर्फ इतना है कि ,
अब तेरे बिन उसमें वो मजा नहीं है
वो जो चाय वाले से बोला करते थे
चाय में शक्कर ज्यादा है
तेरे जाने के बाद पता चला कि
वो तो चाय की चुस्की के साथ तेरी मुस्कान थी
जिससे चाय अक्सर और मीठी हो जाया करती थी
जो तू नहीं है तो वो भी फीकी लगती है
पर शायद जो है ठीक ही है ना,
अक्सर तू ही बोला करती थी
कि ज्यादा शक्कर से शुगर वाली बिमारी होती है
इक दिन गुजरे थे तेरी गली से,
देखा तुझे मुस्कुराते हुए
फर्क सिर्फ इतना ही है कि
अब तेरी मुस्कान में पहले जैसी झलक नहीं है
पर अच्छा लगा देखकर तुझे,
कि तू आज भी मुस्कुराती तो है…..
तेरी यादों में आज भी उतना ही नशा है
फर्क सिर्फ इतना है कि अब तू सामने नहीं है
दर्द बयां करती खूबसूरत रचना।👌👌
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बहुत बहुत धन्यवाद भाई
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स्वागत आपका।
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