आँखें खुली हैं तो इक ख्वाब है
इक ख्वाब जिसमें कसक है तेरी
इक ख्वाब जिसमें तू है बस मेरी
इक ख्वाब जिसमें मैं हूँ और तू है
इक ख्वाब जिसमें है तेरा मेरा प्यार
इक ख्वाल जिसमें हैं तेरी मुस्कुराहटें
इक ख्वाब जिसमें हों तुझसे बातें
इक ख्वाब जिसमें हो तेरी मेरी मुलाकातें
और हों उन मुलाकातों की हँसी यादें
दिल करता है खोया रहूँ तेरे इन ख्वाबों में
और भले ही फिर कभी सवेरा न हो।
~ तेरा पगला दिवाना
Composer – ANKIT VERMA
जिनका ख्वाब है उनको पता तो है ना
LikeLiked by 3 people
हाँ भाई पता है💓👍
LikeLiked by 1 person
Then good
LikeLiked by 1 person
बहुत ख़ूब !!!!
LikeLiked by 1 person
धन्यवाद रेखा जी
LikeLiked by 1 person
सुंदर रचना 👌👌
LikeLiked by 1 person
Thank you Harina 😊
LikeLiked by 1 person
Bhut khoob. 🌸
LikeLiked by 2 people
Thank you!
LikeLike
Loved it a lot, have gone through this phase,best of luck.
LikeLiked by 2 people
Thank you very much 😍👍
LikeLiked by 1 person
क्या बात। प्रेम की जबरदस्त अनुभूति। लाजवाब।👌👌
LikeLiked by 1 person
Thank you Sirji
LikeLike
स्वागत आपका अंकित जी।
LikeLike