कहीं हुआ है जरूर दर्द इसे जोरों से,
शायद फिर किसी ने इसे जोर से मरोड़ा होगा,
शायद फिर किसी ने इसे तोड़ा होगा,
शायद फिर किसी ने इसे अकेले में छोड़ा होगा,
बड़ा ही मासूम और नादान है ये दिल,
शायद फिर किसी ने इससे खेला होगा,
क्यों न खेलें कोई जालिम इससे,
ये कमीना इतना बेवकूफ जो है,
यूं ही किसी को अपना समझ लेता है,
यूं ही किसी को अपना हमसफर मान लेता है,
यूं किसी को अपने घर में पनाह दे देता है,
बोला था मैंने थोड़ा इगो रख लो साथ में,
पर ये कमीना बहक गया था इम्मोसन में,
अब टूट गया तो रोता है,
खुद रोता है मुझे भी रूलाता है,
इक अकेला साथी जो हूँ मैं इसका,
और लोगों का तो फितरत है अकेले छोड़ जाने का,
चुप हो जा ऐ मेरे दिल,
शायद कुछ अलग ही है तेरे लिए,
पता है उसे भूल पाना मुश्किल है,
पर तेरी स्थिति भी तो फुस्स ही है,
हालात अच्छे न हो तो सब सही है।
So beautifully u have expressed your words 🌸
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Thank you Dakshali
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