
मै करता हूँ तुमसे प्यार
याद करता हूँ तुम्हे दिन रात
शायद तुम भी करती हो
मैंने किया तो कई दफा इजहार
पर न जाने क्यों तुम न न करती हो
तड़पता हूँ तुमसे मिलने को मै
पर तुम इसारो में हाँ और lafjo से न करती हो
ये सिलसिला है तेरे मेरे मोहब्बत का
इसमें मोहब्बत भी है तन्हाई भी है
नींद में सपने भी है दिल में इश्क़ वाला अनुभव भी है
फिर भी न जाने क्या है तेरे मेरे बिच
जो अब भी ये दुरी है
फिर भी न जाने क्यों तू न न करती है
कभी लगता है की कहीं ये एकतरफा इश्क़ तो नहीं
कभी लगता है की hum कभी मिलेंगे भी या नहीं
बात करता हूँ तुमसे तो शुकु मिलता है
पर कभी कभी बातो से तेरे दिल में सुई चुभता है
न जाने क्यों तू मुझे इतना तड़पाती है
मेरा नींद चैन सब छीन ले जाती है
क्या होगा कब बस इसी का इन्तजार है
मुझे जरुरत बस तेरा एक इजहार का है
अब ये intehan तेरे मेरे प्यार ki है
Heart talks……
Fabulous….
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thank you Anu ji
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Keep writing…..👍
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Nice
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Thank You Pragya Ji
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ये इश्क नहीं आसान
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aag ka dariya to bilkul ni hai
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अच्छा
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क्या बात
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Dhanyavad Shukla ji
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