तू क्यों दिखती है मेरी यादों में मेरी ख्वाबो में
ख्वाबो में आके मेरी नीद क्यों चुराया है
यादों में आके मेरा चैन कहाँ छुपाया है
क्यों तुमने मेरे दिल में अपना ये घर बनाया है
वो घर जिसे तुमने अपनी खूबसूरती से सजाया है
वो घर जिसे तुमने अपनी खुसबू से महकाया है
तेरे इस खसबू ने ही मेरे होश को उड़ाया है
दिल में तो तू है ही मन में भी तेरा साया है
तेरे होठो की मुस्कराहट ने तो ऐसा असर दिखाया है
मानो तुमने मुझ पर कोई मोहनी बाण चलाया हो
तेरी आँखों की गहराइयाँ भी क्या खूब हैं
हम डूबते जा रहे हैं और ये ख़त्म ही नहीं होती
Why?Love!
