यादों के गुलदस्ते मे,
मोहब्बत की तस्वीर बन गई,
वो इस.कदर हमसे बिछड़े,
कि पत्थर की लकीर बन गई,
पहले तो रूहों को भी एहसास था उनके होने का,
अब तो सिर्फ तन्हाइयाँ ही रह गई,
सोचा था कि हम मोहब्बत का मिसाल बना देंगे,
पर अब तो दिल ही मशाल बन गई,
उनकी यादों की मशाल मे जलकर,
अब तो बस कंगाल ही रह गई,
सोचा था कि ऊँचा उड़ेंगे मोहब्बत की दुनिया में,
पर पंख इस कदर तोड़ा उन्होंने,
कि उड़ने की आश ही मिट गई।
~ ANKIT VERMA
Bahut Sundar…
Kintu
सोचा था कि हम मोहब्बत का मिशाल बना देंगे,
Pankti me aur antim pankti me sudhar kia jaa skta h…
Yaha mohabbat ki misaal likhiye
Aur antim pankti me Milne ki AAS
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Dhanyawad arti ji
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Udane ki AAS*
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बहुत ही शानदार
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धन्यवाद
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क्या बात। बहुत ही उम्दा लिखा है।।
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धन्यवाद
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Shandar mr. ankit
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Thanks Mr.Raj
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So sad
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Yeah 😥😥
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Bht sundar lga
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Thank you g
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