मैंने देखा उन्हें फिर इक दफा,
मुझे कुछ कुछ हुआ फिर इक दफा,
उनकी झिलमिल सी आखें,
उन आखों के इशारे,
उनकी प्यारी सी बातें, याद आ गई
मैंने देखा उन्हें फिर इक दफा।
वो आँखों का मिलना,
फिर होठों का हिलना,
वो हल्की सी मुस्कान याद आ गई,
मैंने देखा उन्हें फिर इक दफा।
वो झिलमिल सी रातें,
रातों में मुलाकातें,
मुलाकातों में कुछ प्यारी सी बातें,
उन बातों के यादें,
यादों की बरसाते सब याद आ गई,
मैंने देखा उन्हें फिर इक दफा,
मुझे कुछ कुछ हुआ फिर इक दफा।।
पहले प्यार को हम चाह कर भी नहीं भुला सकते है,उसकी यादें और भी ताजे हो जाते हैं, अगर हम उससे कहीं अचानक से ही मिल जाए।
~ANKIT VERMA
Nice lines
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Thank you
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Badhiya…bahut badhiya….
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Dhanyawad
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Bahut hi sundar.
Aakhir me jo likha aapne uss se bilkul sahamt hoon.
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Dhanyawad
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बहुत ही खूबसूरत रचना है आपकी।
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धन्यवाद आपका
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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Bahut hi sundar racha hai aap ankitji.👌👌👌
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Dhanyawad pakhiji
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Wah Bhai wah
Bahut sundar likha hai aapne
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Thanks a lot
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Most welcome Bhai ji
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nice awesome
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Thank you very much
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